संकट के समय शिक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे जी-20 देश
नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। जी-20 सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों ने एक साथ मिल कर काम करने और शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को साझा करने के प्रति संकल्प जाहिर किया है। इससे सदस्य देश संकट के समय में भी समवोशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे। इसका उद्देश्य सभी के लिए अध्ययन के अवसरों को बढ़ावा देना भी है। जी-20 सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों की वर्चुअल रूप से एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का आयोजन कोविड-19 महामारी के कारण वर्चुअल तरीके से किया गया।
सऊदी अरब 2020 में जी-20 लीडर्स समिट की मेजबानी कर रहा है। जी-20 के सदस्य देशो में अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य , रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, टर्की, ब्रिटेन, अमेरिका एवं यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। जी-20 सदस्य देशों की इस बैठक में, संकट के समय में शिक्षा की निरंतरता, बाल्यावस्था शिक्षा एवं शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण जैसे तीन विषयों पर चर्चा हुई।
भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, ये विषय प्राथमिकता क्षेत्र भी हैं, जिन्हें सरकार आगे बढ़ाती रही है। इन विषय वस्तुओं पर भारत की प्रतिबद्धता नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी परिलक्षित हुई है। शिक्षा नीति में देश के शिक्षा परि²श्य में रूपांतरकारी बदलाव लाने का प्रयास किया गया है। भारत उन प्रयासों को जारी रखेगा जिसे उसने अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार एवं बदलाव लाने और कोविड 19 महामारी द्वारा प्रस्तुत चुनौती को कम करने के लिए किया है। भारत शिक्षा के क्षेत्र में जी-20 सदस्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा मंत्रियों ने बैठक के अंत में एक शासकीय सूचना को अंगीकार किया। इसमें कहा गया कि संकट के समय में शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के संबंध में शासकीय सूचना दूरस्थ और मिश्रित शिक्षण एवं अध्ययन के महत्व को स्वीकार करती है। उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सुविधा को बढ़ाने, शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास, डिजिटल अवसंरचना एवं कंटेंट, साइबर सुरक्षा जागरूकता, उपयुक्त शिक्षण पद्धतियां एवं सक्रिय अध्ययन के महत्व को रेखांकित करती और स्वीकार करती है। ये ²ष्टिकोण आमने सामने के अध्ययन के पूरक हैं। अध्ययन परिणामों और दूरस्थ शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए अनुसंधान डाटा के महत्व पर भी बल दिया गया है।
सभी बच्चों, विशेष रूप से निर्बल वर्गों से बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण आरंभिक बाल्यावस्था शिक्षा (ईसीई) की पहुंच में सुधार पर भी जोर दिया गया है। गुणवत्तापूर्ण ईसीई की अहम भूमिका के बारे में परिवार एवं समुदाय की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को साझा करने एवं ऐसे प्रचलनों को स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीयकरण स्तरो पर प्रोत्साहित करने का संकल्प भी व्यक्त किया गया है।
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