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Education Policy: पीएम बोले- नई शिक्षा नीति सरकार की नहीं बल्कि देश की नीति , इसमें पढ़ने के बजाय सीखने पर फोकस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (7 सितंबर) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, देश की आकांक्षाओं (Aspirations) को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय सभी जुड़े होते हैं। लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार का दखल और प्रभाव कम से कम होना चाहिए। 21वीं सदी में भी हम भारत को एक नॉलेज इकोनॉमी (Knowledge Economy) बनाने के लिए प्रयासरत हैं।

पीएम ने कहा, शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं बल्कि देश की शिक्षा नीति है। जैसे विदेश नीति, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सही मायने में बिना दबाव, अभाव और प्रभाव के सीखने के लोकतांत्रिक मूल्यों को हमारी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाया गया है। नई शिक्षा नीति, पढ़ने के बजाय सीखने पर फोकस करती है और पाठ्यक्रम से और आगे बढ़कर गहन सोच पर ज़ोर देती है। इस पॉलिसी में प्रक्रिया से ज्यादा जुनून, व्यावहारिकता और प्रदर्शन पर बल दिया गया है।

सभी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अपनी शिक्षा नीति लग रही- मोदी 
पीएम ने कहा, शिक्षा नीति से जितना शिक्षक, अभिभावक, छात्र जुड़े होंगे, उतनी ही उसकी प्रासंगिकता और व्यापकता बढ़ेगी। देश के शहर और गांव में रहने वाले और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों ने इसके लिए अपना फीडबैक दिया था। गांव में कोई शिक्षक हो या फिर बड़े-बड़े शिक्षाविद, सबको राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अपनी शिक्षा नीति लग रही है। सभी के मन में एक भावना है कि पहले की शिक्षा नीति में यही सुधार तो मैं होते हुए देखना चाहता था। ये एक बहुत बड़ी वजह है राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्वीकार्यता की।

  • प्रधानमंत्री मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने को लेकर उठते सवालों का समाधान करते हुए कहा कि जब किसी भी सिस्टम में इतने व्यापक बदलाव होते हैं, तो कुछ शंकाएं-आशंकाएं स्वाभाविक ही हैं। माता-पिता को लगता होगा कि अगर इतनी आजादी बच्चों को मिलेगी, अगर स्ट्रीम खत्म हो जाएंगी तो आगे कॉलेज में उनको दाखिला कैसे मिलेगा, करियर का क्या होगा? प्रोफेसर्स, टीचर्स के मन में सवाल होंगे कि वो खुद को इस बदलाव के लिए तैयार कैसे कर पाएंगे? इस प्रकार का पाठयक्रम कैसे मैनेज हो पाएगा?
     
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप सभी के पास भी अनेक सवाल होंगे, जिन पर आप चर्चा भी कर रहे हैं। ये सभी सवाल महत्वपूर्ण हैं, हर सवाल के समाधान के लिए सब मिलकर काम कर रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से भी लगातार संवाद जारी है। राज्यों में हर स्टेकहोल्डर की पूरी बात,हर राय को खुले मन से सुना जा रहा है। आखिर हम सभी को मिलकर ही तो तमाम शंकाओं और आशंकाओं का समाधान करना है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन
सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 1968 की शिक्षा नीति से लेकर इस शिक्षा नीति तक, एक स्वर से निरंतर यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र व राज्य सरकारों को मिलकर सार्वजनिक शिक्षा के क्षेत्र में GDP के 6% निवेश का लक्ष्य रखना चाहिए। 2020 की शिक्षा नीति में इस लक्ष्य तक शीघ्रता से पहुंचने की अनुशंसा की गयी है। नई शिक्षा नीति में इस बात पर बल दिया गया है कि हम सबको भारतीय जीवन-मूल्यों पर आधारित आधुनिक शिक्षा प्रणाली विकसित करनी है। साथ ही यह भी प्रयास करना है कि सभी को उच्च गुणवत्ता से युक्त शिक्षा प्राप्त हो तथा एक जीवंत व समता-मूलक नॉलेज सोसाइटी का निर्माण हो।

उच्च शिक्षा के बदलाव में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy 2020) की भूमिका विषय पर इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया है। राज्यपालों के इस सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए हैं।



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PM Modi Live conference on National Education Policy 2020 transformational impact India knowledge hub
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