शिक्षा नीति में सरकार का दखल और प्रभाव कम से कम होना चाहिए: मोदी
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मौजूदगी में सोमवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित राज्यपालों की कांफ्रेंस में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल और प्रभाव कम से कम होना चाहिए। उन्होंने केंद्र, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी जिम्मेदारियों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं। लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति से जितना शिक्षक, अभिभावक जुड़ेंगे, छात्र जुड़ेंगे, उतना ही उसकी प्रासंगिकता और व्यापकता, दोनों ही बढ़ती है। देश के लाखों लोगों ने, शहर में रहने वाले, गांव में रहने वाले, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने, इसके लिए अपना फीडबैक दिया था, अपने सुझाव दिए थे। दो लाख से अधिक लोगों के सुझाव लेकर शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार हुआ था। इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वागत हो रहा है। इसकी स्वीकार्यता देखने को मिली है।
एमएनएम-एसकेपी
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