Breaking News

राज्यसभा में कृषि कानूनों पर तकरार, मंत्री बोले- एक राज्य के किसान गलतफहमी के शिकार, दीपेंद्र हुड्डा ने कहा झूठ मत बोलों 

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)।   टीकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षाबल की तैनाती जारी है। किसानों को टीकरी बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए आज 72 दिन हो गए हैं। वहीं, राज्यसभा में कृषि कानूनों को लेकर तकरार जारी है। सरकार फायदा बताने में लगी है और विपक्ष इसे काला कानून। 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में तीनों कृषि कानूनों पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस समेत विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसानों को बरगलाया गया और सिर्फ एक राज्य (पंजाब) के किसान गलतफहमी के शिकार हैं। कानूनों को काला कहा जाता है, लेकिन मैं हर बैठक में पूछता रहा कि इसमें क्या काला है, किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेसी कर सकते हैं। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में भाग लेते हुए तोमर ने कहा, तीन कृषि सुधार कानूनों की बात आज ज्वलंत मुद्दा है। प्रतिपक्ष के नेताओं ने किसान आंदोलन पर सरकार को कोसने में कोई कंजूसी नहीं की। उन्होंने कानूनों को काला बताया। मैं किसान यूनियन से दो महीने तक यह पूछता रहा कि कानून में काला क्या है, बताओ तो ठीक करने की कोशिश करूं। लेकिन वहां भी मालूम नहीं पड़ा।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने ट्रेड एक्ट बनाया। यह प्रावधान है कि एपीएमसी के बाहर जो एरिया होगा वह ट्रेड एरिया होगा। यह किसान का घर या खेत भी हो सकता है। एपीएमसी के बाहर कोई ट्रेड होगा तो किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा। जबकि एपीएमसी के भीतर राज्य सरकार टैक्स लेती है, जबकि बाहर केंद्र सरकार ने टैक्स खत्म किया है।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा, हमने टैक्स को फ्री किया। जबकि राज्य सरकारें एपीएमसी के अंदर टैक्स ले रही है। आंदोलन किसके खिलाफ होना चाहिए, जो टैक्स ले रहा है या जो टैक्स फ्री कर रहा है। लेकिन, देश में उल्टी गंगा बह रही है। टैक्स फ्री करने के खिलाफ आंदोलन हो रहा है। 

कृषि मंत्री तोमर ने कहा, हमने किसान संगठनों को प्रस्ताव भी दिया। अगर भारत सरकार कोई संशोधन करने के लिए तैयार है, इसका मतलब यह नहीं कि कानून में कोई गलती है। पूरे एक राज्य में गलतफहमी के शिकार हैं लोग। किसानों को इस बात के लिए बरगलाया गया है कि यह कानून आपकी जमीन को ले जाएंगे। मैं कहता हूं कि कांट्रैक्ट फार्मिंग में कोई एक प्रावधान बताएं, जो प्रावधान व्यापारी को किसान की जमीन छीनने की आजादी देता है। दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेसी कर सकते हैं।

दीपेंद्र हुड्डा ने झूठ बोलने की बात कही तो तोमर बोले, कान खोलकर सुनो और कानून पढ़ो

राज्यसभा में शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जब बोल रहे थे तो हरियाणा से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने उनपर झूठ बोलने का आरोप लगाया। कुछ देर तक तो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद दीपेंद्र भाई..दीपेंद्र भाई का संबोधन कर उन्हें शांत रहने का आग्रह करते रहे और आखिर में नाराज होकर कहा कि कान खोलकर सुनो और अगली बार जब कृषि पर बहस हो तो पढ़कर आना।

दरअसल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार के कांट्रैक्ट फामिर्ंग कानूनों पर चर्चा करने के दौरान कहा कि पंजाब में तो कांट्रैक्ट फामिर्ंग का ऐसा कानून है, जिसमें किसानों के जेल जाने और पांच लाख के जुर्माने के प्रावधान हैं, जबकि केंद्र सरकार के नए बने कानून में किसानों को पूरी आजादी है कि वह जब चाहें तब कांट्रैक्ट से खुद को अलग कर सकते हैं। जबकि पूरा पैसा दिए बगैर संबंधित कंपनी कांट्रैक्ट से अलग नहीं हो सकती। कृषि मंत्री तोमर के इस बयान पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने विरोध जताते हुए झूठ बोलने की बात कही। जिस पर कृषि मंत्री ने पंजाब के कानूनों के कागजात लहराते हुए कहा कि कान खोलकर सुनो और अगली बार जब कृषि कानूनों पर बहस हो तो पढ़कर आना।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि पंजाब, हरियाणा सहित करीब 20-22 राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने कांट्रैक्ट फामिर्ंग को लेकर नए कानून बनाए हैं या फिर ऐसा प्रावधान किया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने ट्रेड एक्ट बनाया। यह प्रावधान है कि एपीएमसी के बाहर जो एरिया होगा वह ट्रेड एरिया होगा। यह किसान का घर या खेत भी हो सकता है। एपीएमसी के बाहर कोई ट्रेड होगा तो किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा। जबकि एपीएमसी के भीतर राज्य सरकार टैक्स लेती है, जबकि बाहर केंद्र सरकार ने टैक्स खत्म किया है। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि आज हम कह सकते हैं कि गरीब हितैषी योजनाओं के कारण गांव में रहने वालों के जीवन स्तर में परिवर्तन आया है। सरकार कोई भी हो, सरकार का धर्म यही है कि देश में रहने वाले गांव, गरीब, किसान के जीवन स्तर में बदलाव आए।



.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
.
...
farmers protest day 72: Govt is ready to make amendments, it doesnt mean there is any problem in farm laws
.
.
.


from दैनिक भास्कर हिंदी https://ift.tt/3tsYB8a

No comments